आपके कुछ सवाल और उनके जबाब


1 > कब सेक्स करे की बच्चा न हो 

जबाब : सामान्यतः आप पीरियड या माषिक धर्म होने के 13 से 16 दिन के बीच में सेक्स करते हैं तो बच्चा होने या प्रेग्नेंट होने के चांस ज्यादा होते हैं इसके वाउजुद भी कोई गारंटी नहीं की बाकि के दिनों में प्रेग्नेंसी न हो हो सकती है अन्य कारन भी हैं की आप याद नहीं रखते हो इसके अलावा सभी औरतो का माषिक चक्र अलग अलग होता हैं यदि कभी किसी बीमारी के लिए महिला ज्यादा अंग्रेजी दवाई का सेवन करती हैं तो दवा की गर्मी के कारन पीरियड समय से पहले ही आ जाता हैं 
क्या करे यदि न चाहते हुए भी पीरियड रुक जाता हैं तो 
ये कोई जरुरी नहीं की आपका माषिक नहीं आया तो आप प्रेग्नेंट ही हैं पहले अपनी संका दूर करे प्रेग्नेंसी चेक किट आती हैं किसी भी मेडिकल स्टोर से 49 रुपये की कीमत में मिल जाता हैं घर पर ही पता कर सकती हैं आप सिर्फ 5 मं में
कैसे इस्तेमाल करना हैं 
सुबह का पहला यूरिन ( मूत्र , पिसाब ) ले कार्ड पर डाले
5 मिनट बाद रिजल्ट आ जायेगा 
यदि आप प्रेग्नेंट हैं तो बाजार में बहोत तरह की दवा आती हैं जैसे की अनवांटेड 90 इसे 90 दिन के अंदर लेना होता हैं इसके साथ मुस्किल ए होती हैं की यदि दवा ने ठीक से काम नहीं किया या ज्यादा दिन हो गए 3 महीने से ज्यादा दिन हो गए और आप ने तब दवा लिया तो दवा ठीक से काम नहीं करेगी उस दशा में आपको डाक्टर के पास जाना ही हैं और फिर ज्यादा खर्च और घर वालो को पता चलने का डर ऐसी कंडीशन में 70% लड़के भाग खड़े होते हैं जो भी करे सोच समघ के करे आदि इसके अलावा एक और दवा आती हैं अनवांटेड 72 इसको सेक्स करने के बाद यदि आपको लगता हैं की गलती हो गयी तो 72 घंटे के अंदर ले लेना चाहिए 

2 > सेक्स एडिक्‍शन क्या है ?
जबाब : 
जब सेक्स करने के बाद भी संतुष्टि नहीं होती और मजबूरन वह दोबारा सेक्स करने के लिए परेशान होता है, यही सेक्स एडिक्‍शन है

3 > क्या लिंग के माप का सम्भोग क्रिया पर कुछ प्रभाव पड़ता है ?
जबाब :

सम्भोग परक या फिर प्रजनन के लिए किए जाने वाले कार्यों के लिए पुरूष के लिंग का माप काफी से बेहतर होता है। पुरूष को इस बात का पूरा भरोसा रखना चाहिए कि सम्भोग सुख या क्रिया से लिंग के माप का कोई सम्बन्ध नहीं होता। क्रिया का सम्बन्ध तो पुरूष की खड़ापन पाने और बनाये रखने की क्षमता या खड़ेपन अथवा बिना खड़ेपन के अपने आपको और अपने साथी को यौन परक सम्भोग का सुख देने में है अतः क्रिया, वस्तुतः माप पर नहीं - मांसपेशियों और प्रजनन अंगों की नाड़ी एवं रक्त आपूर्ति पर निर्भर रहती है। वास्तव में, यौन सम्भोग का सुख व्यक्ति की मनःस्थिति पर निर्भर करता है, अपनी और अपने साथी की जरूरतों के प्रति सम्मान पर निर्भर करता है। सम्भोग के दौरान, योनि का छिद्र किसी भी लिंग के लिए न तो बहुत छोटा होता है और न ही बहुत बड़ा क्योंकि यह एक 'खाली जगह' है जो कि मांसल तंतुओं से घिरी रहती है और सामान्यतः सभी माप के लिंगों को ग्रहण कर सकती है

4 क्या लिंग के साइज़ से फ़र्क पड़ता है ?
जबाब :
नहीं कोई फर्क नहीं पड़ता हैं 
उदहारण से समझे 
आप को बाइक चलाने नहीं आती हैं फिर आप बाइक चलाने सिख जाते हैं आपकी बाइक हैं 100 cc की आपको बाइक चला के मजा आता हैं आपको अपनी बाइक से कोई शिकायत नहीं फिर आप दूसरी बाइक लेते हैं 150 cc की कुछ दिन 150 cc की बाइक चलते हैं फिर 100 cc की बाइक चलाइये अब खुद बताईये cc से फर्क पड़ा ???? 
समझ आया नहीं आया तो पोगो देखो..

5 > क्‍या पीरियड में संभोग करना सुरक्षित है ?
जबाब :
बात जब प्रेम और यौन संबंधों की हो तो हर कोई उसका असीम सुख प्राप्‍त करने की इच्‍छा व्‍यक्‍त करता है। लेकिन कई बार कुछ कारणवश आपका यौन संबंध स्‍थापित करने का मूड तब खराब हो जाता है जब आपकी पार्टनर पीरियड यानी मासिक धर्म से होती है। लोगों का मानना है कि पीरियड के दौरान संभोग करना सेहत के लिए बेहद खतरनाक है, लेकिन क्‍या यह बात वाकई में सत्‍य है या नहीं चलिये आज हम जानने की कोशिश करते हैं।

पहले बात करेंगे उस सर्वेक्षण की जो हाल ही में किया गया है। सर्वेक्षण में 1000 से ज्‍यादा लोगों से बात की गई और पूछा गया कि क्‍या वो उस दौरान संभोग करते हैं, जब उनकी पार्टनर के मेंसुरेशन चल रहे होते हैं। 90 प्रतिशत पुरुषों ने जवाब दिया नहीं वो उस दौरान संभोग नहीं करते, क्‍योंकि उन्‍हें लगता गंदगी महसूस होती है। वहीं 27 प्रतिशत ने कहा कि संभोग करते हैं, लेकिन मन में इंफेक्‍शन का डर बना रहता है। महिलाओं में 67 प्रतिशत महिलाओं ने कहा कि वो मेंसुरेशन के दौरान सेक्‍स करती हैं या नहीं यह उनके पार्टनर पर निर्भर करता है, लेकिन पीरियड के दौरान सेक्‍स का मजा कई गुना बढ़ जाता है।

कुछ लोग ऐसे भी थे, जिन्‍होंने शुरुआत में अपनी पार्टनर से पीरियड के दौरान संभोग करने की कोशिश की, लेकिन अब नहीं करते। उनका मानना है कि ऐसे समय में संभोग करने से मानसिक तनाव सा बना रहता है। उस वजह से रोमांटिक नहीं हो पाते।
दिल्‍ली के मेहरौली में निजी प्रेक्टिस करने वाले डॉक्‍टर शैशेश कुमार श्रीवास्‍तव की मानें तो पीरियड के दौरान बिना कंडोम संभोग करने से दोनों को ही संक्रमण का खतरा बना रहता है। यही नहीं ऐसे समय में यौन जनित बीमारियों (सेक्‍सुअली ट्रांसमिटेड डिसीज) के होने का खतरा ज्‍यादा रहता है। इस दौरान संभोग करने से पुरुष से ज्‍यादा खतरा स्‍त्री को होता है। संभोग के कारण यूटरस से निकलने वाला द्रव्‍य पीछे की ओर चला जाता है और फिर जम जाता है, जो संक्रमण का कारण बनता है। इस वजह से यूटरस के अंदर इंफेक्‍शन का खतरा बढ़ जाता है।
डॉक्‍टर का कहना है कि इससे मेंसुरेशन पूरी तरह नहीं हो पाता है और उसकी साइकिल अधूरी रह जाती है। ठीक तरह से मेंसुरेशन नहीं होना भी यूटरस संबंधी बीमारियों का कारण है। पीरियड में संभोग करने से गर्भ ठहरता है, या नहीं इस पर डा. श्रीवास्‍तव का जवाब था हां। उन्‍होंने कहा कि पीरियड में संभोग करने से प्रेगनेंट होने के चांस सबसे ज्‍यादा होते हैं

6 > मैंने किसी लड़की के साथ असुरक्षित संभोग किया था, लेकिन उसके बाद पेशाब कर अपने लिंग को अच्छी तरह धो लिया था। क्या इससे मुझे रोग से बचने में सहायता मिलेगी ?
जबाब :
जी नहीं, पेशाब करने या अपने जननांगों को धो लेने से असुरक्षित संभोग करने के कारण रोग के लगने का जोखिम कम नहीं हो जाता है। यदि लड़की को कोई यौनसंचारित रोग है, तो हो सकता है वह आपको लग गया हो। आप, डॉक्टर के पास या चिकित्सालय जाएं और जांच कराएं। और अगली बार से कंडोम का प्रयोग करें।

7 > मेरे बॉयफ्रेंड गर्भनिरोध के लिए ‘लिंग को योनि से बाहर निकाल कर वीर्यपात करने’ की विधि अपनाना चाहते हैं। क्या यह सुरक्षित संभोग है?
जबाब :
जी नहीं, यह सुरक्षित नहीं है। हालांकि योनि में शुक्राणु तो प्रवेश नहीं करते, किंतु वीर्यपात से पहले निकलने वाले तरल पदार्थ (प्री-कम) प्रवेश करते हैं। इससे आपको यौनसंचारित रोग होने या संचारित करने अथवा गर्भवती होने का जोखिम बना रहता है।

8 > क्या पहली बार में ही कोई लड़की गर्भवती हो सकती है ?
जबाब :
जी हाँ, पहली बार में ही किसी लड़के के साथ संभेाग करने से लड़की गर्भवती हो सकती हैं। चाहे उनका पहले कभी मासिक धर्म हुआ हो अथवा नहीं। इसलिए हमेशा कंडोम का प्रयोग करें।

9 > मैं बहुत जल्दी क्यों स्खलित हो जाता हूँ ?
जबाब :
सेक्स बहुत रोमांचक होता है, और वह भी पहली बार! कई लड़के न चाहते हुए भी जल्दी चरम आनंद (आर्गैज़्म) महसूस कर लेते हैं। इस बारे में चिंता न करें। जब आपको अधिक अनुभव हो जाएगा और आप अधिक तनावमुक्त रहेंगे तो आप स्खलन रोकना सीख जाते हैं। यदि आपको शर्मिंदगी महसूस होती है, तो इसे हल्के में लें। ऐसा कुछ कहें, जैसे कि, ‘आपने मुझे वास्तव में आनंद दे दिया!’ यदि आप ऐसी बातें कर हँस लेते हैं, तो ऐसा होना आपके लिए कोई समस्या नहीं बनेगी।

10 > यौनसंचारित रोग ( STD ) किसे कहते हैं ?
जबाब :
वीर्यपात से पहले निकलने वाले तरल पदार्थ (लड़के के लिंग से निकलने वाले पारदर्शी तरल पदार्थ) (प्री-कम)) में एचआईवी (वह विशाणु जिससे एड्स होता है) तथा दूसरे यौनसंचारित रोग, जैसे कि क्लाइमेडिया, गोनोरिया, जेनिटल हर्पीज, जेनिटल वाटर्स, सिफलिस या ट्राइकोमोनियासिस हो सकते हैं। यदि आप गर्भनिरोधक गोली खाती हैं, तो यह आपको गर्भवती होने से तो बचाएगी, किंतु किसी यौनसंचारित रोग के होने से नहीं।

11 > मैंने हमेशा सुरक्षित सेक्स किया है फिर भी मुझे यौनसंचारित रोग लग गया है! यह कैसे संभव है ?
जबाब :
सुरक्षित संभोग करने का आशय, प्रायः सेक्स के दौरान कंडोम पहनने से और यह सुनिश्चित करने से है कि आपके मुंह में वीर्य या मासिक धर्म का खून न चला जाए। तब आप एड्स फैलाने वाले एचआईवी विषाणु तथा क्लेमाइडिया और गोनोरिया जैसे संक्रमणों से सुरक्षित रहते हैं।
फिर भी यौनसंचारित रोगों के विषाणु और जीवाणु दूसरे तरीकों से भी आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर एक-दूसरे का हस्तमैथुन करने से अथवा सेक्स किए बिना केवल जननांगों को छूने से। यहां तक कि जब आप हमेशा कंडोम को प्रयोग करते हैं तो भी यौनसंचारित रोग लगने की कुछ न कुछ संभावना बनी ही रहती है।

12 > मासिक धर्म के दौरान संभोग कितना सही होता हैं ? 
जबाब :
तमाम लोगों के लिये सेक्‍स एक आदत सी बन जाती है। कई बार ऐसा होता है कि बगैर संभोग किये उन्‍हें नींद नहीं आती, ऐसे में महिलाओं को खासी दिक्‍कतों का सामना करना पड़ता है। मासिक धर्म और कभी कभी संक्रमण के कारण महीने में करीब एक सप्‍ताह तक वो सेक्‍स नहीं कर पाती हैं। तमाम पुरुष ऐसे हैं, जो मासिक धर्म के दौरान पत्‍नी से सेक्‍स नहीं करते, लेकिन कई ऐसे भी हैं, जो उस दौरान भी नहीं मानते।
यदि आपके पति ऐसे हैं, तो आप उन्‍हें रोक तो नहीं सकतीं, लेकिन हां कुछ सावधानियां जरूर बरत सकती हैं। और हां कुछ बातें भी आपको जानना बहुत जरूरी है। वैसे चिकित्‍सकों की सलाह हमेशा से यही रहती है कि पीरियड के दौरान महिलाओं को संभोग से परहेज करना चाहिये।

जरूरी बातें
- मेंस्‍ट्यूरेशन यानी मासिक धर्म के दौरान आप गर्भवती नहीं हो सकतीं, यह बात दिमाग से बिलकुल निकाल दीजिये।
- ऐसे में संभोग करने से प्रेगनेंट होने के चांस ज्‍यादा रहते हैं।
- ऐसे में संभोग करने से इंफेक्‍शन का खतरा भी बहुत ज्‍यादा रहता है।
- सेक्‍सुअली ट्रांसमिटेड डिसीज़ यानी यौन संक्रमित बीमारियां लगने की आशंका भी ज्‍यादा रहती है।
- बिना कंडोम के संभोग करने से इंफेक्‍शन का खतरा ज्‍यादा रहता है।
- मासिक धर्म के पहले दो दिन संभोग से महिलाओं को तीव्र दर्द होता है।
सावधानियां
- मासिक धर्म के दौरान संभोग करते वक्‍त कंडोम का प्रयोग कतई मत भूलें।
- महिलाएं संभोग से पहले अपने यौन अंगों को अच्‍छी तरह धुल जें।
- यदि आपके पार्टनर ने कंडोम का प्रयोग नहीं किया है, तो संभोग के तुरंत बाद उनसे अपना लिंग धुलने के लिये कहें। अन्‍यथा इंफेक्‍शन का खतरा रहता है।
- संभोग से पहले अपना सेनीटरी नैपकिन बदलें।
- यदि आपकी पार्टनर पीरियड से है और पहला या दूसरा दिन है, तो आप धीरे-धीरे संभोग करें।
- महिलाएं रति नि‍ष्‍पत्ति यानी संभोग की चरम सीमा तक जाने अथवा ऑर्गैज्म से बचें।

13 > स्‍पर्म मोटिलिटी क्या हैं ?
जबाब :
ऐसा नहीं है कि महिला पार्टनर को प्रेगनेंट करने के लिए आपके वीर्य में शुक्राणु की मात्रा का अधिक होना जरूरी है बल्कि स्‍पर्म की क्‍वालिटी कैसी है, उस पर भी निर्भर करता है कि आप बाप बनेंगे या नहीं 
चाहे भले ही र्स्‍पम कितने भी ज्‍यादा क्‍यों न हों यदि आपके वीर्य में मात्रा से अधिक स्‍पर्म हैं, लेकिन कमजोर हैं और उनमें तेज़ दौड़ने की क्षमता नहीं है, तो भी वो अंडाशय में जाकर प्रजनन में असफल हो जाते हैं और वो व्‍यक्ति सब कुछ होते हुए भी पिता नहीं बन पाता है
विज्ञान कहता है कि प्रजनन (बच्‍चा पैदा करना) के लिए दो चीजें बहुत जरूरी हैं, जिन्‍हें हमेशा ध्‍यान रखियेगा पहला यह कि अंडाशय से मिलने के लिए आपके स्‍पर्म को ऊर्जावान होना जरूरी है और दूसरा उसे तेज़ गति से तैरना आना चाहिये यानी उसे तेज़ गति से अंडाशय में प्रवेश करना आना चाहिये इसी को स्‍पर्म मोटिलिटी कहते हैं यानी स्‍पर्म की गतिशीलता

14 > हीमेच्‍यूरिया किसे कहते हैं ?
जबाब :
हीमेच्‍यूरिया स्त्रियों में पायी जाने वाली वह बीमारी है, जिसमें यूरीन में ब्‍लड आने लगता है यूरीन गाढ़ा हो जाता है और उसमें से गंध आने लगती है
गुप्‍त रोग विशेषज्ञों के मुताबिक मैथुन की वजह से इस बीमारी के लगने की आशंका बढ़ जाती है इससे काफी कमजोरी भी आती है और खून की कमी हो जाती है
गुप्‍तांग में सूखापन: जरूरत से ज्‍यादा मैथुन करने से पीरियड, मासिक धर्म अथवा मेंसुरेशन साइकिल में समस्‍याएं उत्‍पन्‍न होने लगती हैं इस वजह से गुप्‍तांग में सूखापन आ जाता है और वहां खुजली एवं दर्द होता है यही नहीं इससे आगे चलकर बच्‍चा होने में भी दिक्‍कत होती है अंत में सबसे अहम बात यह कि मैथुन से महिलाओं में यौन इच्‍छाएं कम होने लगती हैं ऐसा करने पर उन्‍हें संभोग में ज्‍यादा मजा नहीं आता और फिर उन्‍हें सेक्‍स की चरम सीमा तक पहुंचने में दिक्‍कत होती है

15 > लिंग मे कड़ापन नही आता है क्या करू ?
जबाब :
लिँग मे कड़ापन ना आना यानी थिथलता
बढ़ती उम्र के साथ ये भी बढ़ती जाती है 
यदि आप तनाव मे है 
तो भी इसका असर होता है
लिँग मे खुन का दबाब बड़ने के कुछ समय के बाद दबाब कम होने लगता है इस अवस्था मे सेक्स की त्रिव इच्छा के बावजुद भी आदमी सेक्स नही कर पाता है

16 > गर्भधारण के लिए कैसे करें सेक्‍स ?
जबाब :
गर्भधारण के लिए दो पोजीशन में सेक्‍स करना फलदायक रहता है- 
1 मिशनरी पोजीशन: इस स्थिति में संभोग के समय पुरुष ऊपर की ओर होता है इस पोजीशन में संभोग करने से पुरुष का वीर्य सीधे स्‍त्री के गर्भाशय तक सीधा पहुंचता है पुरुष के ऊपर रहने से गर्भधारण आसान हो जाता है इसके विपरीत यदि स्‍त्री ऊपर की ओर रहती है, तो गर्भधारण की संभावनाएं काफी कम हो जाती हैं

2 हैंड एण्‍ड नी पोजीशन (डॉगी स्‍टाइल): इस पोजीशन में स्‍त्री घुटनों और हाथ के बल लेट जाती है और पुरुष पीछे की ओर से संभोग करता है ऐसी स्थिति में वीर्य आसानी से महिला के गर्भाशय तक आसानी से पहुंचता है 
यदि आप गर्भधारण करना चाहती हैं, तो उपर्युक्‍त दोनों पोजीशंस पर संभोग करने के बाद कुछ देर आराम करें बेड पर कूदें नहीं चाहे जितने जरूरी काम क्‍यों न हों, संभोग के तुरंत बाद बिस्‍तर से उठने की जरूरत नहीं यदि आपने मिशनरी पोजीशन में सेक्‍स किया है, तो संभोग करते समय या फिर संभोग के बाद स्‍त्री अपनी कमर के नीचे तकिया लगा लें, ताकि वीर्य गुरुत्‍वाकर्षण बल के जरिए नीचे की ओर आसानी से पहुंच सके यदि संभोग के समय ही तकिया लगा लिया है तो अच्‍छा रहता है ऐसे में कम से कम आधे घंटे तक स्‍त्री को शांतिपूर्वक लेटे रहना चाहिए कुछ लोग मानते हैं कि संभोग के बाद यदि स्‍त्री पीठ के बल लेटकर अपने पैर ऊपर कर के थोड़ी देर लेटी रहे तो गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है ऐसा करना फलदायक हो सकता है हालांकि यह बात अभी तक सिद्ध नहीं हुई है 
कौन सा समय सही कुछ लोगों का मानना है कि दिन के समय सेक्‍स करने गर्भधारण की संभावना अधिक रहती है इसके पीछे उनका तर्क यह होता है कि रात्रि की तुलना में दिन में वीर्य में शुक्राणु की संख्‍या अधिक होती है वहीं हाल ही में हुए एक शोध में पता चला है कि गर्भधारण के लिए सेक्‍स का सही समय शाम पांच से सात बजे के बीच का होता है इस दौरान वीर्य में शुक्राणु की संख्‍या करीब 35 प्रतिशत तक ज्‍यादा होती है शाम का यह समय ऐसा होता है, जब महिला के अंडाशय ज्‍यादा जल्‍दी क्रिया करते हैं हालांकि यहां स्‍त्री को मासिक धर्म का ध्‍यान रखें इन पोजीशन में न करें सेक्‍स यदि आप गर्भधारण चाहती हैं, तो इन बातों को जरूर ध्‍यान रखें, जो आपको नहीं करनी हैं
पहली यह कि संभोग के दौरान महिला ऊपर नहीं हो ऐसे में शुक्राणु सर्विक्‍स के पास जमा हो जाते हैं और थोड़ी ही देर में वापस लौट आते हैं, जिस कारण वो अंडाशय तक पहुंच नहीं पाते इसके अलावा बैठकर, बगल में लेटकर और खड़े होकर सेक्‍स नहीं करें इन सभी स्थितियों में शुक्राणुओं के गर्भाशय के पास जमा होने की संभावना ज्‍यादा होती है हां कई बार वीर्य के निकलते समय शुक्राणु की गति अधिक होती है और ज्‍यादा संवेग होने के कारण शुक्राणु अपने लक्ष्‍य तक पहुंच जाते हैं और गर्भधारण हो जाता है

17 . एज़ूस्पर्मिया किसे कहते हैं ?
जबाब :
कई पुरूषों के वीर्य में शुक्राणुओं ही नहीं होते, इस स्थिति को एज़ूस्पर्मिया कहा जाता है। इस समस्या के होने पर पुरुष संतान पैदा करने योग्य नहीं होते हैं। यह भी पुरूषों के लिए एक गंभीर सेक्स समस्या है।

19 > मुझे हस्तमैथुन की आदत हैं कैसे छोड़ू ?
जबाब : 
पहली बात आप अकेले नही है जो लड़कियो के हस्तमैथुन के बारे मे पहले ही लिख चुकी हु इसलिये यहा लिखना जरुरी नही समझती हु आप मेरी महिला हस्तमैथुन की पोस्ट देख सकते है बहुत सारे लोगो की आदत शादी के बाद छुट जाती जबकी कुछ लोग शादि के बाद भी करते है
दुसरी बात आखिर क्यो करते है लोग ऐसा
जबाब है उन्हे मजा आता है ऐसा करने से इसलिये करते है 
और भी है कारण इसके
शुरू शुरू मे जब आपकी उम्र 12 से 15 वर्ष के बिच होती है तब आप अपने दोस्तो से सुन कर के किताब मे या कही से हस्तमैथुन के बारे मे जानकर के
शुरूवात होती है छुने से फिर दबाने से कइ लोगो को तो ये याद भी नही होता है की उन्होने पहली बार हस्तमैथुन कब किया इस तरह से हस्तमैथुन की शुरूवात होती है 
अब ये काम धिरे धिरे बड़ता जाता है फिर आप लगभग रोज ही करना शुरू कर देते है फिर ये एक आदत बन जाती है जैसे आप नशा करते है

जैसे पान गुटका सिगरेट या चाय भी नशा है ये आदत कुछ दिन के बाद एक अनुष्ठान बन जाती है आपके लिये जैसे कुछ लोग अपने नाखून काटते है अपने दातो से कुछ जहा भी फ्रि हो के बैठे तो अपनी नाक मे उगँली डालते है चलो कोई काम नही है तो यही कर लिया जाये जबकी उन्हे पता है की ये एक गलत आदत है फिर भी वो करते है ऐसे ही हस्तमैथुन भी एक अनुष्ठान बन गया है आपके लिये चलो कोई काम नही है तो हस्तमैथुन ही कर ले याद रखे आदत चाहे कोई भी हो लग जाने के बाद जाती नही है कुछ लोग एक को छोड़ते है तो दुसरी आदत पकड़ लेते है जैसे गुटका खाते थे अब पान खाने लगे तो आदत छुटी कहा आपकी बस बदल लिया आपने ठिक ऐसै ही शादी हुई तो सेक्स करने लगे तो हस्तमैथुन छोड़ दिया 
हस्तमैथुन करने के और भी कारण 
1 ब्लु फिल्म देखेँगे तो इच्छा होगी फिर आप हस्तमैथुन करेँगे 
2 गर्ल फ्रेँड है लेकिन पास नही है आसानी से फोन पर बात करेँगे इच्छा होगी फिर हस्तमैथुन करेँगे
3 सेक्स की कहानी पड़ेंगे फिर इच्छा होगी फिर हस्तमैथुन करेँगे
4 आपके पास मौका भी है बहाने भि है जब इच्छा होगी आप हस्तमैथुन करेँगे 
5 हस्तमैथुन करने के बाद बस अब नही फिर थोड़ी देर बाद फिर
वही काम ये आदत मे सामिल हो गयी है जायेगी नही फिर आप कहेँगे छोड़ना तो चाहता हु लेकिन छुटती नही है 

हस्तमैथुन कम करे पोर्न से दुर रहे मन पर नियँत्रण रखे इसके लिये कोइ दवा नही आती है 

क्या होता है हस्तमैथुन करने से
यदि आप कभी कभी हस्तमैथुन करते है तो कोई फर्क नही पड़ता है लिँग पर 
लेकिन आप एक दिन मे 2 या 3 और 4 बार हस्तमैथुन करते है तो 
सेक्स करते है तो लिंग पर ज्यादा दबाब पड़ता है और आपका लिंग उसी के अनुसार दबाब पैदा करता है मगर जब आप हस्तमैथुन करते है तो लिँग पर दबाब की जरूरत नही पड़ती धिरे धिरे आपके लिंग मे दबाब पैदा करने की छमता कम हो जाती है कारण जब आप हाथ का इस्तेमाल करते है तो ज्यादा दबाब की जरूरत नही पड़ती है और आपका लिंग उसी हिसाब से काम करने की आदत सिख जाता है लिंग मे ढिलापन या थिथलता आ जाती है परेशान ना हो दवा के सेवन से ये ठिक हो जाता है 
हस्तमैथुन करते समय आप अपने जिस हाथ का प्रयोग करते है उसी तरफ लिंग का थोड़ा झुक जाना भी समान्य बात है 
तिसरा सवाल 
लिँग बड़ा करना है मोटा करना है
जबाब लिंग को बड़ा करना संभव नही जैसा है वैसा ही रहेगा इसकी कोई दवा नही आती है
25 वर्ष तक तक लिंग की लम्बाई और मोटाई बढ़ती है
शादी के बाद जब आप लगभग रोजाना सेक्स करेँगे तो आप के लिंग मे थोड़ा बदलाव आ जायेगा थोड़ा बड़ा हो जायेगा 
जो भी इस बात का दावा करता है की वो लिँग की लम्बाई या मेटाई ज्यादा कर देगा ठगी है सावधान ये संभव नही है 
लिँग मे कड़ापन लाने की दवा आती है टाइमिँग बड़ाने की दवा आती है लिँग को बड़ा या मोटा करने की नही
एक और सवाल आप लोगो का जिसे भी बहुत लोगो ने पुछा था 
शिघ्रपतन यानी जैसे ही लिंग योनी के पास या अन्दर जाता है 10 या 20 सेकेण्ड मे विर्यपात हो जाता है 
इसकी दवा आती है ये ठिक हो जाता है
आखिर मे कई लोगो का सवाल था की इसके लिये दवा का नाम बताये
जबाब
ज्यादातर अंग्रेजी दवा का अपना साइड इफेक्ट होता है ये साइड इफेक्ट अलग अलग लोगो पर अलग अलग हो सकता है या नही भी 
ये आपका रिश्क है 
बेशक आप सवाल करे लेकिन मजे लेने के लिए किये गए सवालो पे किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया की उम्मीद रूचि से न करे
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